27 Jan 2019 आज की मुरली से कविता ~ Aaj Ki Se Kavita Today's Murli Poem

Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 25 Jan 2019. This poem is daily written on day's murli by BK Mukesh (Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.
Aaj Ki Se Kavita Today's Murli Poem
Aaj Ki Se Kavita Today's Murli Poem


* मुरली कविता दिनांक 27.1.2019 *

* स्नेही, सहयोगी, शक्तिशाली बच्चों की तीन अवस्थाएं *

बापदादा को सभा में बैठे बच्चे लगते हैं निराले
सब बच्चे स्नेह सहयोग शक्ति की अवस्था वाले

बापदादा को बच्चे दिखते भिन्न भिन्न स्नेह वाले
औरों का परिवर्तन देखकर स्नेह में आने वाले

कोई सुख शांति की झलक से स्नेही बनने वाले
शुद्ध आत्माओं के संगठन से स्नेही बनने वाले
बाप को यथार्थ रीति जानकर स्नेही बनने वाले

सहयोगी आत्माएं बाप को श्रेणी में नजर आई
तीन श्रेणियां सहयोगी की नजर बाप को आई

भक्ति के संस्कार वश कुछ सहयोगी बन जाते
फल पाने की इच्छा लेकर तन मन धन लगाते

धारणा करके प्राप्ति की इच्छा मन में समाकर
कुछ बच्चे खुद को रखते ऐसे सहयोगी बनाकर

जिसने अपने मन में केवल बाप को ही समाया
केवल वो ही बच्चा सर्वश्रेष्ठ सहयोगी कहलाया

ज्ञान के आधार पर कोई शक्तिशाली बन जाता
बार बार वो ज्ञान की पॉइंट को स्मृति में लाता

कोई ज्ञान का चिन्तन करके औरों को सुनाता
सेवा के फलस्वरूप शक्तिशाली अनुभव पाता

सर्वश्रेठ वही जो शक्तियों का स्वरूप बन जाते
बाप के साथ खुद को कम्बाइण्ड अनुभव पाते

खुद को दृढ़ता की चाबी के अधिकारी बनाते
सफलता के खजाने के अनुभवी खुद को पाते

बाप से सर्व प्राप्तियों का झूला सदा वो खाते
अपने श्रेष्ठ भाग्य का गीत मन ही मन वो गाते

पुरानी दुनिया के आकर्षण से मुक्त वे हो जाते
बोल और कर्म द्वारा वे सहज सेवा करते जाते

कौनसी मेरी श्रेणी है इसकी तुम जांच करना
सर्व श्रेष्ठ बनने का पुरुषार्थ बच्चों तुम्हें करना

*ॐ शांति*

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