9 Feb 2019 आज की मुरली से कविता ~ Aaj Ki Se Kavita Today's Murli Poem

Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 9 Feb 2019. This poem is daily written on day's murli by Brahma Kumar (BK) Mukesh (from Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.


* मुरली कविता दिनांक 9.2.2019 *

तन मन धन से सच्ची रूहानी सेवा करते जाओ
रूहानी सेवा कर भारत को गोल्डन एज बनाओ

ड्रामा एक्यूरेट बना हुआ तुम याद रखोगे जितना
लाडले बच्चों तुम बेफिकर बनते जाओगे उतना

योग बल द्वारा अपनी अवस्था कर्मातीत बनाओ
खुद को ज्ञानी योगी बनाकर बेफिकरी मिटाओ

कोई भी देहधारी कभी भगवान नहीं कहलाता
शिवबाबा स्वयं ही आकर ये राज हमें बतलाता

रचता और रचना का ज्ञान सिर्फ बाप ही सुनाते
काम को जीतकर ही बच्चे जगतजीत कहलाते

माया की बॉक्सिंग में बच्चों हार कभी ना खाना
पुरुषार्थ में ठण्डा होकर तुम बैठ कहीं ना जाना

हिम्मत रखकर तुम सारे संसार की सेवा करना
एक्यूरेट है ड्रामा इसलिए फिक्र नहीं तुम करना

कर्मातीत अवस्था के लिए बाप को याद करना
किसी भी देहधारी के तुम मुरीद कभी ना बनना

बेहद की वैराग्य वृत्ति से लगाव मुक्त बन जाओ
केवल एक बाप के बनकर राजऋषि कहलाओ

क्रोध की अग्नि मन बुद्धि में ऐसी आग लगाती
जलाकर पहले खुद को फिर औरों को जलाती

*ॐ शांति*

Disclaimer: Disclaimer: Images, articles or videos on this web site occasionally come from various other media sources. Copyright is completely near source. If there are problems related to it, you can contact us.