Hindi Poem from Avyakt murli. Murli se ek Kavita 22 November 1972. To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.
22-11-72 की अव्यक्त मुरली पर आधारित कविता *अंतिम सर्विस का अंतिम स्वरूप* ✺ अंतिम स्वरूप, लाइट ही लाइट का स्वरूप, सहज *अंगीकार हो रहा है•••* ✺ अंतिम स्वरूप की स्मृति नहीं, परन्तु ग्यान के दर्पण मे स्पष्ट *साक्षात्कार हो रहा है।••••* ✺ जब मंजिल पर पहुंच ही गए, एक पांव रख चुके हैं, *दूसरा रखना है।••••* ✺ नेत्र लाइट, लाइट ही श्रृंगार, क्राउन भी लाइट, लाइट के *घर जाना है ••••* ✺ सर्व परिस्थितियों का सामना करने के लिये *लाइट-हाऊस बनना पड़े••••* ✺ जैसे पार्ट बजाने के लिए चोला धारण किया और, कार्य समाप्त कर *चोला उतार उड़े••••* ✺ स्मृति- स्वरूप का इंजेक्शन लगाने से, *देहभान गायब हो जायें।••••* ✺ कर्मभोग की भासना नहीं रहे, और *पहाड़ भी राई बन जाऐ••••* ✺ लाइट-स्वरूप की स्थिति से मास्टर जानी-जाननहार ,मास्टर त्रिकालदर्शा के लक्षण ,*आ जाते हैं••••* ✺ कर्मभोग व कर्म के आकर्षण से परे, शिव धाम के *रहवासी हो जाते••••* ✺ आदि का सैम्पल अब अंत में *प्रैक्टिकल स्वरूप होगा•••* ✺ संकल्प सिद्धि का साक्षात्कार *चैतन्य मूर्त रूप होगा••••* ✺ लाइट रूप स्थिति से संकल्प वही *उठेगा जो होना है••••* ✺ जैसे वाचा में बात को स्पष्ट करते हैं, वैसे ही संकल्प से *सारा कारोबार चलना है••••* ✺ साईंस ने कॉपी तो साइलेंस *से ही किया है••••* ✺ तो एग्जाम्पल देने अर्थ, पहले से ही *स्पष्ट रूप ले लिया है••••* ✺ भविष्य की रूपरेखा स्थूल वतन से ही चलेगी *सूक्ष्मवतन यहां ही बनना है।••••* ✺ और नवीनता यह होगी, कि कारोबार, कहने से नहीं, *इशारों से चलना है।••••* ✺ अंतिम सर्विस का अंतिम स्वरूप *लाइट माइट स्टेज है••••* ✺ कल्प पहले भी हमने किया है, अब किस *बात का परहेज है?••••* ओमशान्ति