अव्यक्त मुरली से कविता 02-08-1972 ~ Avyakt Murli Kavita Murli Poem

Hindi Poem from Avyakt murli. Murli se ek Kavita 02 August 1972.  To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.

*02.08.1972 की अव्यक्त मुरली पर आधारित कविता*

          *हर कर्म  विधिपूर्वक करने से सिद्धि की प्राप्ति*

✺  संगम पुरुषार्थ पर्व है ,  *विधि से सिद्धि प्राप्त करने का••••*,  
✺  रिद्धि सिद्धि प्राप्त करने का  नही,*सिद्धि स्वरूप बनने का••••*

✺  संकल्प यथार्थ विधिपूर्वक है, तो *सिद्धि स्वरूप  बन ही गये••••*  
✺  तभी तो विधि की भक्ति में भी वैल्यू है, इस समय के *यादगार बन रहे••••* 

✺  फ़ाउन्डेशन पर ही नम्बरवार *राजधानी तैयार होगी ••••*
✺  राज्य अधिकारी बनना है  या फ़िर  *समय प्रमाण जोगी••••*

✺  50प्रतिशत सेवा  35वर्षो की, *तपस्या का पूण्य प्रताप है••••*
✺  मनसा, वाचा,कर्मणा ,तीनो  रीति से एक ही समय पर सेवा,* समय की पुकार है ••••*

✺ जब स्टेज पावरफुल होती  तो,वाणी भी हो *फोर्सफुल••••*
✺  संबंध संपर्क, से गोडली फ़ैमिली की महसूसता,ऐसा हो *लवफुल••••*

✺  मन्सा से डिवाइन इनसाईट और नालेज से, *लाइट,माइट का वरदान दो••••*
✺  चाल चलन रायल,वाचा कर्मणा, *ऐसी रमणीक हो••••*


✺  एक समय,एक स्थान, पर जब सेवा हो,*रीति तीनो••••*
✺   तो,वायुमण्डल, वाईबरशन, वातावरण, *पावरफुल  भी हो••••* 

✺  किसी भी परिस्थिति में डगमग नही, ये *हलचल अब दूर करो••••*
✺  लवलीन मे पूर्ण नालेज का अभाव, पर लव मे अब *नोलेज का रंग भरो••••* 

✺  विल पावर ऐसी हो जो प्रकृति भी *दासी हो जाऐ••••*
✺  5 तत्व सरेन्डर हुए तो ,मनुष्यातमाऐ  फिर कैसे ना *बलिहार जाऐ••••* 


✺  अब अंतिम पेपर  से पूर्व, थ्यौरी प्रक्टिकल, हर *सबजेक्ट मे चैक करो••••*
✺  संकल्प सिद्धि मे इजाफा ही,कम समय मे, *सफलता का रंग भरो••••*  

✺  समय और संकल्प के भरत मिलाप से, *सफलता हुइ पड़ी है ••••*
✺  मुख के बोल और बुद्धि प्लैन समर्थ हो तो, *फ़िर रिस्पेक्ट बड़ी है••••*  

✺  सबजेक्ट मे ऑब्जेक्ट की डीप स्ट्डी *परफेक्ट  बनाती••••* 
✺  शरीर, संकल्प और वायुमण्डल के,*डिफैक्ट को दूर भगाती••••*

✺  स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन ही,* सरलतम उर्जा  है••••*
✺  भाषण सुन सुन कर पूरा ही *सूत मून्झा है•••*

✺  लेक्चर, प्रक्टिकल लाइफ के फीचर से *आत्माऐ अट्रेक्ट हो••••*
✺  भरी सभा के बीच में, बाप के सनेह, की लहर से *माया डिस्ट्रिक्ट हो••••*

✺  अतीन्द्रिय सुख की अनुभूति, गोप गोपियो से पूछो••••*
✺  और अति सुख मे, दुख की लहर का संकल्प, *कहा गया ये बूझो••••*  


               ओमशानति 

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